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बोध, विचार, और कर्म || आचार्य प्रशांत (2014)

2019-11-26 1 Dailymotion

वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१८ फरवरी २०१४,<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br />क्या बोध, विचार, और कर्म तीनो एक ही गाड़ी के पहिये है?<br />जब हमें पता है सब कुछ स्वचालित है, सब कुछ स्वघटित है, फिर भी मन इतना क्यों सोचता है?<br />क्या विचार ही कर्म का आधार है?<br />विचारों का विश्लेषण कैसे करूँ?

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